प्रेम के वास्ते
मुश्किल था निकलना ही पड़ा प्रेम के वास्ते
फिर दिल को तोड़ना ही पड़ा प्रेम के वास्ते
सफर में आयी ठोकरे तो ये पता चला
कितना मुश्किल था निकलना प्रेम के वास्ते
दिल को घुट के ही रहना पड़ा प्रेम के वास्ते
फिर खुद को समझाना ही पड़ा प्रेम के वास्ते
सिसकियां लेती रही ,मन तड़पता ही रहा
जिंदगी यूँ ही गुजारनी पड़ी प्रेम के वास्ते
यादें रूह को सताती रही प्रेम के वास्ते
फिर जिस्म को जलाती रही प्रेम के वास्ते
ख़ंजर सी चली जब -जब शब्दों में लगे
कराह उठी फिर धड़कन , प्रेम के वास्ते
ममता रानी
झारखंड