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13 Nov 2024 · 1 min read

प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ

प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
भावनाओं की ज़ुबानी चिट्ठियाँ

जो कभी भी लौट कर आता नहीं
उस समय की हैं कहानी चिट्ठियाँ

दौर बदला आ गया युग नेट का
अब नहीं हैं मन की रानी चिट्ठियाँ

खुशबुएँ इनमें हैं पहले प्यार की
हैं तभी रक्खीं पुरानी चिट्ठियाँ

वैसे तो कागज़ का इक टुकड़ा हैं ये
होती फिर भी हैं न फ़ानी चिट्ठियाँ

सहला जातीं हैं हमारे मन को ये
हैं हवा जैसी सुहानी चिट्ठियाँ

ये जगा देती हैं मन की प्यास फिर
आँसुओं की है रवानी चिट्ठियाँ

राज़ इनमें हैं हमारे आपके
इसलिए पड़तीं छुपानी चिट्ठियाँ

‘अर्चना’ यादों को मथती हैं यही
वक़्त की होतीं मथानी चिट्ठियाँ
डॉ अर्चना गुप्ता
13.11.2024

Language: Hindi
1 Like · 31 Views
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