Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

प्रेम की मर्यादा

प्रेम में मर्यादा सोहे
न सोहे है वासना
मन नियंत्रित न रहे
उपजे दूषित भावना

आँखों में है रोग रोहे
पलकों पर दुर्भावना
दृष्टि पावन न रहे तो
ओझिल हो संभावना

आचरण जो मन को मोहे
न मोहे है थापना
शिष्ट यदि बर्ताव न हो
हठ भला क्या पालना

मान–गौरव को है टोहे
न टोहे है लाँछना
यश प्रशंसित तब रहे
हो प्रतिष्ठित धारना

प्रीत–प्रीतम को है जोहे
जोहती बन साधना
तन निमंत्रित तब करे
बँधती बंधन कामना

लाज घूँघट को है ढो़ए
शर्म ढो़ए सामना
रूप खुलकर है निखरता
सामने जब साजना

–कुँवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
★स्वरचित रचना
★©️®️सर्वाधिकार सुरक्षित

2 Likes · 2 Comments · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुद्रा नियमित शिक्षण
मुद्रा नियमित शिक्षण
AJAY AMITABH SUMAN
हारता वो है
हारता वो है
नेताम आर सी
क्या हूनर क्या  गजब अदाकारी है ।
क्या हूनर क्या गजब अदाकारी है ।
Ashwini sharma
"चाहत का आसमान"
Dr. Kishan tandon kranti
!! पर्यावरण !!
!! पर्यावरण !!
Chunnu Lal Gupta
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
sushil sarna
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#नादान प्रेम
#नादान प्रेम
Radheshyam Khatik
मुहब्बत नहीं है आज
मुहब्बत नहीं है आज
Tariq Azeem Tanha
बेईमानी का फल
बेईमानी का फल
Mangilal 713
बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय*
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
Atul "Krishn"
आप और हम जीवन के सच............. हमारी सोच
आप और हम जीवन के सच............. हमारी सोच
Neeraj Agarwal
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
Shweta Soni
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
एकाकीपन
एकाकीपन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
4605.*पूर्णिका*
4605.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika S Dhara
रतन टाटा जी की बात थी खास
रतन टाटा जी की बात थी खास
Buddha Prakash
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
Loading...