प्रेम की पाती
मैंने प्रेम की पाती लिखी है,
तुमको जीवन साथी लिखी है।
कोरा कागज़ है मन मेरा
नाम लिखा है जिस पर तेरा।
भावों की लेकर के स्याही,
प्रीत की मैंने कलम बनाई
अश्कों भरी किताब लिखी है
तुमको जीवन साथी लिखी है।
पाओगे जब तुम ख़त मेरा,
झलक उठेगा चेहरा मेरा।
अक्षर अक्षर पढ़ते जाना,
सांसों में तुम रमते जाना।
रूह तुम्हारे नाम लिखी है।
तुमको जीवन साथी लिखी है
पीपल, पनघट , ताल तलैया
सांझ, सवेरा, रात रूपहली ।
कहती लिख दे मेरी बलैया।
माटी गांव की शांत सजीली।
धरती ओढ़े धानी चुनरिया,
बासंती परिधान अलौकिक
माटी की पहचान लिखी है।
तुमको जीवन साथी लिखी है।
पढ़कर ख़त नाराज़ न होना,
मेरे प्रियतम धैर्य न खोना।
सांसों में तुम राष्ट्र प्रेम का,
एक संगीत बजाकर रखना।
मान तिरंगे का न खोना
यह प्रेरक तहरीर लिखी है।
तुमको जीवन साथी लिखी है।
जब भी तुम घर वापस आओ,
फ़ुरसत के कुछ पल जो लाओ।
सरहद पर तैनात जवानों,
को थोड़ा मरहम दे आओ।
वो भी पाती प्रेम की भेजें
रेखा ऐसी रीत लिखी है।
तुमको जीवन साथी लिखी है।
मैंने प्रेम की पाती लिखी है।