प्रेम की अनुभूति
सच्चा प्रेम
जीवन में अकस्मात ही आता है
प्रेम की तलाश नहीं की जाती
ईश्वर जिन दो हृदयों को चुनता है
प्रेम के लिए
वो एक दूसरे को ढूंढ ही लेता है
कभी कभी तो प्रेम आश्चर्य की
घटना जैसा होता है
और जीवन सुखद संयोगों से भर जाता है
प्रेम तभी ठहर पाता है
जब मन की गांठे खुली हो
और ह्रदय प्रेम के लिए
उचित अवसर की तलाश न करे
प्रेम की सफलता
संवाद हीनता पर टिकी है
जितने कम शब्द
उतना अधिक प्रेम का प्रभाव
प्रेम गर जल्दी प्राप्त करने की कोशिश की जाए
तो प्रेम की विश्वसनीयता कम हो जाती है
प्रेम संघर्ष से प्राप्त हो
तभी उचित प्रतीत होता है
और प्रेम में पड़े दो इंसान
प्रेम की अनुभूति में
सच्चे प्रेमी बन जाते है
जिन्हें न डूबने का डर सताता है
और न बिखरने का… अभिषेक राजहंस