Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

**प्रेम का रंग चढ़ा**

**प्रेम का रंग चढ़ा**
******************

अंग से जा अंग मिला
प्रेम का हर रंग चढ़ा।

देख कर परवान अदा,
दो कदम मैं और बढ़ा।

रोक पाया आप नहीं,
दर तिरे ही आन पड़ा।

जान ली है बात दिली,
चेहरा महबूब पढ़ा।

प्यार का है जाल बुना,
हुस्न का ताज जड़ा।

पार मनसीरत न हुआ,
बीच में ही नाव खड़ा।
******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वाणी वंदना
वाणी वंदना
Dr Archana Gupta
पर्यावरण दिवस
पर्यावरण दिवस
Satish Srijan
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
Ravi Prakash
वर्तमान राजनीति
वर्तमान राजनीति
नवीन जोशी 'नवल'
■ सनातन पर्वों के ख़िलाफ़ हमारे अपने झूठे संगठन।
■ सनातन पर्वों के ख़िलाफ़ हमारे अपने झूठे संगठन।
*प्रणय प्रभात*
शून्य से अनंत
शून्य से अनंत
The_dk_poetry
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
दोहा त्रयी. .
दोहा त्रयी. .
sushil sarna
2888.*पूर्णिका*
2888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सावन बरसता है उधर....
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Sakshi Tripathi
विनम्रता
विनम्रता
Bodhisatva kastooriya
"एक नज़्म तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
चलता ही रहा
चलता ही रहा
हिमांशु Kulshrestha
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
मायापति की माया!
मायापति की माया!
Sanjay ' शून्य'
मजदूर दिवस पर
मजदूर दिवस पर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
विकल्प
विकल्प
Dr.Priya Soni Khare
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
Loading...