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5 Aug 2021 · 1 min read

प्रेम का प्यासा मन

पानी की
एक एक बूंद
महत्वपूर्ण बन जाती है
जब वह
हमें आसानी से न
मिल पाये
पानी का भंडार भी हो
और वह पीने योग्य न हो तो भी
एक प्यासा उसकी
उपलब्धता होने के बावजूद
प्यासा रह जाये
आसमान से पानी जब
बरसता है तो
धरती की प्यास बुझाता है
एक पपीहे की प्यास
बुझाता है
एक कुएं की प्यास
बुझाता है
एक सागर की प्यास
कहां बुझा पाता है
प्रेम पाने की लालसा लिए
एक तरसता प्यासा मन
प्रेम की तलाश में
दर दर भटके
कदम कदम पर
एक बरसते बादल से टकराये
पर न उसके नयनों से झरते
आंसू
न ही वह बरसता बादल
उसकी प्रेम पिपासा को
मिटा पाता है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 431 Views
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