**प्रेम का दूपहिया**
तुम भी चलो, मैं भी चलूँ
चलती रहे ये ज़िन्दगी
तुम भी गुनगुनाओ, मैं भी गुनगुनाऊँ,
गुनगुनाती रहे ये जिन्दगी,
थोड़ा तुम मधुर हो जाओ,थोड़ा मैं हो जाऊँ,
मधुर हो जाये ये जिन्दगी,
बड़ी किस्मत वाले हैं जो ,
मिली हमें ये सुन्दर सी जिन्दगी.
कभी खुशी और कभी गम का,
मेला है ये जिन्दगी,
तुम भी चलो, मैं भी चलूँ,
बस साथ रहे ये जिन्दगी,
न घबराना दुख से है,
न दोस्ती सुख से,
दोनों क्षण-क्षण का मेहमान है,
जो पल आता पल विसर जाता है,
दोनों खुद प्रेमी युगल है,
खेलता प्रेम से पारी-पारी का खेल है,
हम दोनों को भी इसी तरह,
साथ निभाना है साथिया ,
तभी सरपट दौड़ेगी,
हम दोनों के प्रेम का पहीया.