~~प्रेम करो , बस प्रेम करो ~~
उनको क्या पता की प्यार क्या चीज है
जिस को पैदा किया था नूर ऐ खुदा ने
तूने हिफाजत ही नहीं की कभी उसकी
उस ने तो दी थी तुझे निभाने के लिए !!
दिल अगर मिलता है, तो एक से
वर्ना जमाने में सब एक से,
किस्मत ही होती है, किसी किसी की
वरना कहाँ मिलते हैं दिल किसी से !!
जरूरी तो नहीं की सब को मिले
जरूरी है की सब प्रेम करें
जैसे कान्हा को था सब से,
पर कान्हा रहते थे राधा के मन में !!
सब का मिलना एक सा नहीं होता
प्रेम की भाषा का ज्ञान नहीं होता
सुबह करो या सांझ करो, तुम
बस रहो, मिलो, सब से , प्रेम, से !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ