प्रेम【लघुकथा】*
प्रेम【लघुकथा】*
■■■■■■■■
दूध वाले को इस बार हमेशा डबल मास्क लगाए हुए देखा तो चित्रलेखा के मन में उत्सुकता जगी ।
एक दिन पूछ बैठी ” क्यों भैया ! पिछली बार भी महामारी आई थी लेकिन तब तो तुम बिना मास्क लगाए ही दूध देने आते थे । इस बार क्या डर लगने लगा ? ”
दूधवाला पहले तो सकुचाया । फिर बोला ” हाँ , बहन जी ! छह महीने पहले मेरी शादी हुई है । पत्नी से बहुत प्रेम हो गया है । मैं नहीं चाहता कि उसे या मुझे कुछ हो जाए । ”
*लेखक : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451