प्रेमिका / पत्नियां
✍️ प्रेमिका/पत्नियां
प्रेमिकाएं! स्वप्न सुनहरी,
तो पत्नियां कटु यथार्थ होती हैं
प्रमिकाएं! सतरंगी इंद्रधनुष सी
तो पत्नियां मीठी धूप, छांव होती हैं
प्रेमिका! श्रृंगार रस की कविता
पत्नियां संस्कृति का महाकाव्य होती हैं
प्रेमिकाएं! (ई एम आई) की किश्त
तो पत्नियां पेंशन प्लान होती हैं
प्रेमिकाओं! की चाहत आसमां के तारे
तो पत्नियां जरूरत की मांग रखती हैं
माना! कि प्रेमिकाएं बने प्रेरणा
लेकिन पत्नियां परिणाम देती हैं
प्रेमिकाएं! सजी कंगूरे सी
तो पत्नियां घर की नींव होती हैं
प्रेमिकाएं! नाजुक फूल
तो पत्नियां कड़वा नीम होती हैं
प्रेमिकाएं! देती नासूर (प्रेम रोग)
तो पत्नियां वैद्य, हकीम होती हैं
प्रेमिकाओं के सहते नखरे हजार
तो पत्नियां जर खरीद गुलाम होती हैं
दोनों ही बहती नदी के दो किनारे
जिसको जो भाए, सुखद अंजाम देती हैं
_______ मनु वाशिष्ठ