Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2021 · 1 min read

प्रेमगीत

*********** प्रेम-गीत ********
***************************

चुभ न पाए तेरे पैरों में शूल जी,
चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी।

गर्म हवा तेरे तन को ना छू पाए,
पीर गम की न तेरे मन को तड़फाए,
हो न जाए कोई भी मुझ से भूल जी।
चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी।

सुबह हुई है उम्मीद भी बरकरार है,
संध्या बीती जिया बहुत बेकरार है,
बन जाऊं तेरे आंगन का फूल जी।
चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी।

बन संवर के यूं गली में न निकलो,
सुंदर मुख अपना घूंघट से ढक लो,
तेरे खिले यौवन का बनूँ रसूल जी।
चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी।

मनसीरत मन तेरे प्रेम में बावरा,
प्यार तेरे का ही मुझको है आसरा,
तेरे बाहों के झूले की हो झूल जी।
चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी।

चुभ न पाए तेरे पैरों में शूल जी,
चूम लूं मैं तेरे अधरों की धूल जी।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
shri rahi Kabeer
"साहिल"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल यूं ही बे’क़रार लगता है ,
दिल यूं ही बे’क़रार लगता है ,
Dr fauzia Naseem shad
देखो ना आया तेरा लाल
देखो ना आया तेरा लाल
Basant Bhagawan Roy
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
आँखों में ज़िंदगी है ज़िंदगी एक ख़्वाब है,
आँखों में ज़िंदगी है ज़िंदगी एक ख़्वाब है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लक्ष्य
लक्ष्य
Mukta Rashmi
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
कैसा क़हर है क़ुदरत
कैसा क़हर है क़ुदरत
Atul "Krishn"
आँगन मधुबन करते जाओ
आँगन मधुबन करते जाओ
Ashok deep
"" *प्रेमलता* "" ( *मेरी माँ* )
सुनीलानंद महंत
गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भस्मासुर
भस्मासुर
आनन्द मिश्र
जन्मदिन शुभकामना
जन्मदिन शुभकामना
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2122/2122/212
2122/2122/212
सत्य कुमार प्रेमी
शालीनता , सादगी और संस्कार भी एक श्रृंगार है , तथाकथित आधुनि
शालीनता , सादगी और संस्कार भी एक श्रृंगार है , तथाकथित आधुनि
पूर्वार्थ
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
Ajit Kumar "Karn"
विश्वास मत तोड़ना मेरा
विश्वास मत तोड़ना मेरा
Sonam Puneet Dubey
🙅🙅🙅🙅🙅🙅🙅
🙅🙅🙅🙅🙅🙅🙅
*प्रणय*
3131.*पूर्णिका*
3131.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रदाता
प्रदाता
Dinesh Kumar Gangwar
*जाने क्या-क्या सोचकर, ससुराल जाती बेटियाँ(गीतिका)*
*जाने क्या-क्या सोचकर, ससुराल जाती बेटियाँ(गीतिका)*
Ravi Prakash
Loading...