प्रेमक धार
तुमार नयन के लहरिया देख,
हमार मन तऽ बहिया के जाब
ई प्रेमक धार महा गहिर,
हमार नैय कहाँ किनार पाब?
तुमि कहिया अपन प्रेमक जोर,
हमरा संगे खेलल कतहुँ छल।
असमयक फेर में खोइया दियौ,
हमार प्रेमक हर दिन पल।
मुनि-सुनि रहल मोर हियरा,
तोहार मन के चालि सँ डराए।
ई मुहब्बतक राह महा कठिन,
हम कतं जा बैसल सुख पाब?
मोर हियरा तोरा संग रहै चाह,
ई जीवनक रंग तोहि में पाय।
तोहार प्रेमक गाछ अब हरियाए,
हमरा जीवन सुख-सागर बनाय।