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24 Feb 2024 · 2 min read

प्री वेडिंग की आँधी

गूंगा गाना गए, बेरा डांस दिखाएं, अंधे ने ताली बजाई।
प्री वेडिंग की आँधी से भारतीय संस्कृति मे मची तबाई।।
फिर पछतावत होत क्या जब चिड़ियां चुग जाये सारा खेत ।
प्री वेडींग पश्चिमी संस्कृति ने समाज मे अपनी जगह बनाई।।

विवाह समारोह में अब एक नया प्रचलन सामने आया हैं।
भारतीय संस्कृति को मिटाने का नया प्रदूषण फेलाया है।
रिश्तों व परिवारों को समाज में रीढ़ कि हड़्ड़ी कहें जाते हैं।
दूल्हा – दुल्हन अपने परिवारजनों की सहमति से मिटाया है।

शादी से पुर्व फ़ोटो ग्राफर के समूह अपने साथ लेजाना है।
देश के अलग – अलग सैर सपाटो की जगहों पर जाना है।
कम से कम परिधानों में एक दूसरे की बाहो में समाते हुए
बड़ी होटलो, हेरिटेज बिल्डिंगों, समुन्द्री बीचो पर जाना है।

सामान्यतः पति पत्नी शादी के बाद बंद कमरे मे मनाते हैं।
अब प्री वेडींग के नाम पर अपनी वीडियो शूटिंग करवाते हैं।
वीडियो फ़ोटो ग्राफी को शादी मे बड़ी सी पर स्क्रीन लगाकर!
लड़की और लड़के के परिवार व तमाम रिश्तेदार को दिखाते हैं।

सार्वजनिक रूप से कपल को वह सब करते हुए दिखाया जाता हैं।
साक्षी बनाने सगे संबंधियो व सामाजिक लोगो को बुलाया जाता हैं।
यहाँ सब कुछ देखकर शर्मसार करने वाला विचार मन में आता है।
जब सब कुछ हो चुका हैं तो आखिर हमें यहाँ क्यों बुलाया जाता हैं।

शादी जैसे पवित्र बंधन पर भावी कपल को आशीर्वाद देने आते हैं। वह कपल वहां पहले से ही एक दूसरे की बाहो में झूल रहे होंते है।
शादी से पूर्व ही प्री वेडींग के नाम से रिश्तों एक बदनुमा दाग लगेगा
सबसे बड़ी बात तो यह सब दोनों परिवारो की सहमति से होता हैं।

जिसकी भरपाई कई पीढ़ियों तक करना संभव नहीं हो सकेंगा।
संस्कृति से आगे चलकर समाज का इतना बड़ा नुकसान होंगा
शादी से पूर्व सम्बन्ध टूटना या शादी के बाद तलाक में वृद्धि होगी
जिसका खामियाजा समाज के छोटे तबके को भुगतना पड़ेंगा।

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588

Language: Hindi
145 Views
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