Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2020 · 1 min read

प्रीत तो खुद के ही छलक जाने में है….

हर साल बसंत आयेंगे प्रिय
हर साल पतझड़ भी दवे पांव चली आयेगी
हर साल प्रीतम को याद करोगी
हर साल कैसे बिसराओगी
प्रीत न मौसम के आने जाने में है
न प्रीतम यादों के इतराने में है
दिल में आन बसा हो गर प्रीतम
प्रीत तो खुद के ही छलक जाने में है….
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
हे ईश्वर
हे ईश्वर
Ashwani Kumar Jaiswal
*मची हैं हर तरफ ऑंसू की, हाहाकार की बातें (हिंदी गजल)*
*मची हैं हर तरफ ऑंसू की, हाहाकार की बातें (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
Sanjay ' शून्य'
जै जै जग जननी
जै जै जग जननी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
धूतानां धूतम अस्मि
धूतानां धूतम अस्मि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बहादुर शाह जफर"
Dr. Kishan tandon kranti
बरसात (विरह)
बरसात (विरह)
लक्ष्मी सिंह
धरती का बस एक कोना दे दो
धरती का बस एक कोना दे दो
Rani Singh
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
Phool gufran
*.....थक सा गया  हू...*
*.....थक सा गया हू...*
Naushaba Suriya
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
Rj Anand Prajapati
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
*नारी*
*नारी*
Dr. Priya Gupta
3224.*पूर्णिका*
3224.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन का सच
जीवन का सच
Neeraj Agarwal
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पर्यावरण
पर्यावरण
Neeraj Mishra " नीर "
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Ajad Mandori
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
उस रब की इबादत का
उस रब की इबादत का
Dr fauzia Naseem shad
Loading...