Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

जीवन दिव्य बन जाता

कैसे कह दूं हाल मैं दिल का, क्या होता तेरे मुस्कुराने पर।
जीवन दिव्य बन जाता, ख्वाब में भी प्रणय बेला आने पर॥

ऋतु कोई भी हो, पर हमको, लगता ज्यों मधुमास है।
देख रहे दृग अपलक, फिर भी, बढ़ती जाती प्यास है॥
तेरे कोमलकांत वदन की शोभा मुझे लुभाती है।
अधरों की चपला सी चपलता, मुझ पर घात लगाती है॥
छूकर तुमको तन-मन कंपित, ज्यों जल तूफ़ां के आने पर।
जीवन दिव्य बन जाता, ख्वाब में भी प्रणय बेला आने पर॥१॥

तेरे प्रेम पाश में बंधकर, मैं दुनिया से मुक्त हो गया।
खोकर अपनी सुध बुध मैं तो, सारे जग से विरक्त हो गया॥
ज्यों जल पाकर हरित हो वसुधा, मैं तेरे रंग में मस्त हो गया।
यह क्षणभंगुर मेल नहीं, जन्मान्तर तक हृदयस्थ हो गया॥
तेरी खुशबू से महक रहा, ज्यों महके पुष्प खिल जाने पर।
जीवन दिव्य बन जाता, ख्वाब में भी प्रणय बेला आने पर॥२॥

परिणय हो या प्रणय हृदय का, पड़ता हमको फर्क नहीं।
रचना रची ये प्रभु ने जैसी, करना कोई तर्क नहीं॥
दैहिक नहीं मिलन दो मन का, आत्मा का परमात्म से।
कहॉं बयां कर सकता इसको, शब्दों के तादात्म्य से॥
‘अंकुर’ हृदयंगम होकर जो, समझे मर्म, बिन समझाने पर।
जीवन दिव्य बन जाता, ख्वाब में भी प्रणय बेला आने पर॥३॥

-✍️ निरंजन कुमार तिलक ‘अंकुर’
छतरपुर मध्यप्रदेश 9752606136

Language: Hindi
385 Views

You may also like these posts

I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
शिकवा
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
3686.💐 *पूर्णिका* 💐
3686.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
Neeraj Agarwal
पलक
पलक
Sumangal Singh Sikarwar
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
कविता झा ‘गीत’
दिमाग़ वाले
दिमाग़ वाले
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हमरी बिल्ली हमको
हमरी बिल्ली हमको
Abasaheb Sarjerao Mhaske
कैसी निःशब्दता
कैसी निःशब्दता
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी हाइकु
हिंदी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
Mahender Singh
" रोटी "
Dr. Kishan tandon kranti
एक दीवाना ऐसा भी
एक दीवाना ऐसा भी
Minal Aggarwal
बस इतना ही फर्क रहा लड़के और लड़कियों में, कि लड़कों ने अपनी
बस इतना ही फर्क रहा लड़के और लड़कियों में, कि लड़कों ने अपनी
पूर्वार्थ
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
तेजस्वी जुल्फें
तेजस्वी जुल्फें
Akash Agam
मनमानी किसकी चली,
मनमानी किसकी चली,
sushil sarna
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
Ravi Prakash
गुमनाम मत
गुमनाम मत
Mani Loke (Loma)
अनंत शून्य
अनंत शून्य
Shekhar Deshmukh
हम  चिरागों  को  साथ  रखते  हैं ,
हम चिरागों को साथ रखते हैं ,
Neelofar Khan
🙅बेमेल जोड़ी🙅
🙅बेमेल जोड़ी🙅
*प्रणय*
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
sudhir kumar
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बचपन
बचपन
इंजी. संजय श्रीवास्तव
लोवर टी शर्ट पहिन खेल तारी गोली
लोवर टी शर्ट पहिन खेल तारी गोली
नूरफातिमा खातून नूरी
जगमग दीप जले
जगमग दीप जले
Sudhir srivastava
तब बसंत आ जाता है
तब बसंत आ जाता है
Girija Arora
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
Loading...