Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2020 · 1 min read

प्रियतम से मिलने की आस ऊपर से बीमारी ख़ास

वो विरहा क्यूँ
तड़प रही है
याद मुझे भी
सता रही है
मौसम कैसे गया मिलन का ।

ये कैसा भौकाल मचा है
खड़े आमने-सामने
पर हम क्यूँ
तड़प रहे हैं
कोई तो जतन करो मिलने का

एक दुश्मन थी
दुनिया सारी
ऊपर से ये कोरोना बीमारी
अनजाना ये रोग चला
दुश्मन प्रेमी युगलों का ।

मुझे कोई न रोके
मिलने से न कोई टोके
मिलना है
अपने प्रियतम से
न जोर लगा बंदिशों का ।

याद न उसकी
जीने देगी
प्यार कभी मरने न देगा
“आघात” हौसला रख
मौसम आएगा मिलने का ।

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
खिलते फूल
खिलते फूल
Punam Pande
4297.💐 *पूर्णिका* 💐
4297.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आता है संसार में,
आता है संसार में,
sushil sarna
"गुस्सा थूंको"
Dr. Kishan tandon kranti
*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*
*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
P S Dhami
Good morning 🌅🌄
Good morning 🌅🌄
Sanjay ' शून्य'
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
डॉ० रोहित कौशिक
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
Ajit Kumar "Karn"
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
रोटी की क़ीमत!
रोटी की क़ीमत!
कविता झा ‘गीत’
मुझे लगा अब दिन लदने लगे है जब दिवाली की सफाई में मां बैट और
मुझे लगा अब दिन लदने लगे है जब दिवाली की सफाई में मां बैट और
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बदला लेने से बेहतर है
बदला लेने से बेहतर है
शेखर सिंह
#अभिनंदन
#अभिनंदन
*प्रणय*
रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें...
रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें...
Shweta Soni
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
आगमन उस परलोक से भी
आगमन उस परलोक से भी
©️ दामिनी नारायण सिंह
छठ का शुभ त्यौहार
छठ का शुभ त्यौहार
surenderpal vaidya
मृत्यु के पश्चात
मृत्यु के पश्चात
Vivek saswat Shukla
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
Bindesh kumar jha
एक लघुकथा
एक लघुकथा
Mahender Singh
मुक्तक ....
मुक्तक ....
Neelofar Khan
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...