प्रियतम प्यारे
प्रियतम प्यारे दिलबर हमारे
मिलने आ जाओ द्वार हमारे
ना कोई चिट्ठी ना आया संदेश
प्रतीक्षारत आँखें साजन प्यारे
कब तुम पलटोगे निज स्वदेश
बाट रहें ताकतें दो नयन बेचारे
भूल गए क्या बातें ,मुलाकातें
हसीन रातें गुजारी संग हमारे
याद सदा रखना ना बिसराना
तेरा मेरा याराना हरमन प्यारे
बंधे हैं हम प्रेम बंधन डोर में
देना मत तोड़ झटके से प्यारे
दिल के सौदे होते बड़ें नाजुक
संभल संभल के चलो दुलारे
मैं तुम बन हम टिके यकीं पर
ये यकीं ना टूटे प्रियवर हमारे
साथ हमारा चोली दामन सा
कभी साथ ना छूटे मेरे सहारे
कमलनयनी हूँ ,मैं मृगनयनी
मय को पिलाऊँ नैनो से प्यारे
प्रियतम हमारे दिलबर हमारे
मिलने आ जाओ द्वार हमारे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत