Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2019 · 1 min read

प्रियतम प्यारे

प्रियतम प्यारे दिलबर हमारे
मिलने आ जाओ द्वार हमारे

ना कोई चिट्ठी ना आया संदेश
प्रतीक्षारत आँखें साजन प्यारे

कब तुम पलटोगे निज स्वदेश
बाट रहें ताकतें दो नयन बेचारे

भूल गए क्या बातें ,मुलाकातें
हसीन रातें गुजारी संग हमारे

याद सदा रखना ना बिसराना
तेरा मेरा याराना हरमन प्यारे

बंधे हैं हम प्रेम बंधन डोर में
देना मत तोड़ झटके से प्यारे

दिल के सौदे होते बड़ें नाजुक
संभल संभल के चलो दुलारे

मैं तुम बन हम टिके यकीं पर
ये यकीं ना टूटे प्रियवर हमारे

साथ हमारा चोली दामन सा
कभी साथ ना छूटे मेरे सहारे

कमलनयनी हूँ ,मैं मृगनयनी
मय को पिलाऊँ नैनो से प्यारे

प्रियतम हमारे दिलबर हमारे
मिलने आ जाओ द्वार हमारे

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
बिजलियों का दौर
बिजलियों का दौर
अरशद रसूल बदायूंनी
मेंहदीं
मेंहदीं
Kumud Srivastava
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वादा
वादा
Heera S
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Ajad Mandori
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
Neelofar Khan
"सियासत में"
Dr. Kishan tandon kranti
*धन का नशा रूप का जादू, हुई शाम ढल जाता है (हिंदी गजल)*
*धन का नशा रूप का जादू, हुई शाम ढल जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
संजय कुमार संजू
নিদান
নিদান
Pijush Kanti Das
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
देश के दुश्मन सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं साहब,
देश के दुश्मन सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं साहब,
राजेश बन्छोर
मुखर-मौन
मुखर-मौन
Manju Singh
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मन में सुकून कहाँ
मन में सुकून कहाँ
Aditya Prakash
2772. *पूर्णिका*
2772. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Teacher
Teacher
Rajan Sharma
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है...
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है...
Sunil Suman
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
अर्पिता शगुन त्रिवेदी
#नयी गाथा
#नयी गाथा
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई.
एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई.
Piyush Goel
विषय:आदमी सड़क पर भूखे पड़े हैं।
विषय:आदमी सड़क पर भूखे पड़े हैं।
Priya princess panwar
"विकसित भारत" देखना हो, तो 2047 तक डटे रहो बस। काल के कपाल प
*प्रणय*
चमक..... जिंदगी
चमक..... जिंदगी
Neeraj Agarwal
बचपन
बचपन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
gurudeenverma198
Loading...