प्रार्थना
#मदिरा सवैया
विधान:- सात भगण(भानस) और एक गुरु ,और 12-10 पर यति
211 211 211 211, 211 211 211 2
#छंद:- ०१
नाथ सहाय सदा रहना सर, हाथ रखो हर ताप हरो।
बोझ घटे दुविधा कम हो दुख, नाथ हटे प्रमु हाथ धरो।
जीवन दुस्कर दुर्गम है पथ, नाथ अगम्य सुबोध वरो।
है दुविधा मम जीवन में प्रभु, मंजुल आप प्रकाश करो।।
#छंद:- ०२
नाथ हरो दुख दूर हुआ सुख, कारण जो वह क्रंदन है।
खाक लिए कर सोंच रहे हम, माथ सदा मम चंदन है।
साथ रहा वह हाथ छुड़ाकर, सोच रहे मम वंदन है।
ढूंढ लिए दुख बोल दिये हम, आन पड़ों अभिनंदन है।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार