प्रार्थना
प्रार्थना
प्रार्थना करूँ उन महामानवों की,
जो अपने मन को काबू किए हुए हैं।
किसी से गिला ना किसी से शिकवा,
चुपचाप अपने घर पर पड़े हुए हैं ।
प्रार्थना करूँ उन स्वास्थ्यकर्मियों की,
जो मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं ।
परवाह नहीं करते अपने शरीरों की,
रात दिन अस्पताल में डटे हुए हैं ।
प्रार्थना करूँ उन वीर सैनिकों की,
कानून का डंडा लिए हुए हैं ।
धूप में हो या छांव में हो ,
सड़कों पर हमेशा डटे हुए हैं।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना (छत्तीसगढ़)
मो. 8120587822