प्रभु ऐसा वर दो (भक्ति-गीत)
* प्रभु ऐसा वर दो (भक्ति-गीत)*
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दुनिया के सब लोग निरोगी हों प्रभु ऐसा वर दो
(1)
सबके तन हों स्वस्थ सभी के मन में हों आशाएँ
नहीं सताएँ कभी किसी को रोगों की बाधाएँ
विजय प्राप्त हो रोगों पर ,ऐसा सब जग को कर दो
(2)
सदा पड़ोसी मुस्काएँ अधरों पर बसी हँसी हो
किसी भँवर में नहीं किसी की नौका कहीं फँसी हो
दृष्टि जहाँ तक जाए ,सबके घर खुशियों से भर दो
(3)
सबके घर में भरा अन्न हो ,भूखा कहीं न पाएँ
सबके चलते रोजगार हों ,सब भरपूर कमाएँ
सबको सब की सेवा करने के सौ-सौ अवसर दो
दुनिया के सब लोग निरोगी हों प्रभु ऐसा वर दो
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451