*प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)*
प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)
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प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की
1)
शुभ मुहूर्त में रामलला घर, अपने वापस आए
मोदी जी ने प्राण-प्रतिष्ठित, करके पुष्प चढ़ाए
अंकित तिथि बाईस जनवरी, भारत की पहचान की
2)
गली-गली हर सड़क दीखती, राम-ध्वजा फहराती
शोभा यात्राऍं भंडारे, भजन मंडली गाती
सीमा अपरंपार हर्ष की, होठों पर मुस्कान की
3)
धन्य भाग्य वह जिन्हें निमंत्रण, प्रभु-नगरी से आया
धन्य-धन्य वे जिन्हें प्रसारण, शुभ सजीव दिख पाया
लिखी पटकथा आज समय ने, नूतन हिंदुस्तान की
प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451