प्रश्न पूछता है यह बच्चा
मंच को नमन!
26/7/22
मैंने कैसा कर्म किया है।
जो यह मुझको कष्ट दिया है।।
मन का निर्मल सीधा सच्चा।
प्रश्न पूछता है यह बच्चा।।
बतलाओ तुम गलती मेरी।
क्यों किस्मत की चकरी फेरी।
अंधकार ही अंधकार है,
पूनम की भी रात अंधेरी ।
तन पर देखो फटा वसन है।
चिन्ताओं का मेघ सघन है।।
कैसे कट पायेगा जीवन ,
कष्ट पूर्ण जब यह बचपन है।
किस-किस को बतलाऊं दुखड़ा ।
है मलीन सा मेरा मुखड़ा।
कुछ भी नहीं जगत में अच्छा।
प्रश्न पूछता है यह बच्चा। ।
अटल मुरादाबादी