प्रश्न जन्माष्टमी
“प्रश्न जन्माष्टमी”
प्रश्न पूछना होता है किसी मां द्वारा
एक बच्चे को, जन्म देने के समान
जिस के भीतर विद्यमान असीमित
संभावनाओं का सही सही अनुमान
तो खुद वो मां भी नहीं लगा सकती
जिस ने, उसे जन्म दिया है, श्रीमान
तो जिस ने, कभी प्रश्न, पूछा ही नहीं
उस की दरिद्रता का क्या करें बखान
जो बाग, लगा नही, वो क्या उजड़ेगा
जंगल कैसे बनेगा, खेत या खलिहान
प्रश्न जन्म को जब भी सराहा जायेगा
जमीं का जाया छूने लगेगा आसमान
~ नितिन जोधपुरी “छीण”