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4 Aug 2021 · 1 min read

प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

अनगिनत अनवरत विचार
मन की धूरी समय की परिधि
गणनाएं आंकलन तर्क समझौते
प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

जो बीत गया सो बीत गया
आगे की सुध ले जाग्रत हो
जीवन क्यों बिताएं सोते-सोते
प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

रिश्ते नातों का मोह कैसा
सबका जीवन एक अलग पथ
ना कुछ पाते ना कुछ हम खोते
प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

दृष्टि है पर दृष्टिकोण नहीं
जन्म का हर्ष मृत्यु का शोक क्यों
कर्मों का लेखा गंगा में धोते
प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

चेहरे पे चेहरा और बदलते रंग
गिरगिट को करते बदनाम
अश्रु मगर के किसी ने देखे होते
प्रश्न खत्म ही नहीं होते!!

– विवेक जोशी ”जोश”

Language: Hindi
2 Likes · 424 Views

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