सूरत प्यारी
.नव किरणो सी लालिमा, तेरी सूरत प्यारी
देख कर हुआ सबेरा मेरा, ऐसे ही नित हो मेरा
चाहत के केनवास पर रंग भरा हो तेरा
रंगो के भी रंगो में तेरी सूरत न्यारी
क्या जाने क्यों लगती तू मुझको इतनी प्यारी
न जाने मै पहुँचा या मेरी बाते तुझ तक
बस यूही करता रहता बक बक
क्योंकि तेरी सूरत लगती मुझको प्यारी
सावन की रिमझिम से लेकर पूस की सिहरन तू है
तेरी नयनों में सागर, आलिंगन में सारा जहाँ छुपा है
तेरे आने से जीवन को प्यार का पता चला है
तू जबसे आई जीवन में जीवन का सार मिला है।
नव किरणों सी लालिमा……….