Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2017 · 2 min read

…….प्रलय सुनिश्चित है !

…प्रलय सुनिश्चित है
#दिनेश एल० “जैहिंद”

चेत नारी चेत
अब नहीं चेतेगी
तो कब चेतेगी
अब भी नहीं चेती तो
प्रलय सुनिश्चित है…..

किसी माला से गूँथकर
अगर नहीं सँवरना है
किसी गुलदस्ते से लगकर
अगर नहीं सजना है
किसी डाली का गुल बनकर
अगर नहीं खिलना है
किसी घर का फूल बनकर
अगर नहीं महकना है
तो बिखरना सुनिश्चित है
कंक्रीट, छड़, ईंट, सीमेंट से मिलकर
रेत महल बना जाती है
मरुस्थल में जो बेजान पड़ी है
कोई कीमत नहीं है उस रेत की
चेत नारी चेत
अब नहीं चेतेगी
तो कब चेतेगी
अब नहीं चेती तो
प्रलय सुनिश्चित है……

प्राकृतिक नियम के सम्मुख
पृथ्वी धुरी पर नाचती है
सूर्य केंद्र में रहकर
ग्रहों को खुद से बाँधे रखता है
सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल
मिलकर सौर परिवार बनाते हैं
आओ तुमसे मिलकर हम
स्वस्थ परिवार बनाते हैं
परिवार परिवार मिलकर
उन्नत समाज फिर
सुंदर संसार बनाते हैं
खेती और बेटी जगत में
परती नहीं छोड़ी जाती हैं
जोत, रोप, खाद, खरी के बिना
हालत बिगड़ जाती है खेत की
चेत नारी चेत
अब नहीं चेतेगी
तो कब चेतेगी
अब भी नहीं चेती तो
प्रलय सुनिश्चित है…..

छोड़ो झगड़ा, छोड़ो स्पर्धा
सुलह कर लेते हैं मिल-जुलकर
छोड़ो शक-सुबहा और ईर्ष्या
गले लग जाते है हिल-मिलकर
कपट, क्लेश, अधर्म सारे
शत्रु हैं हमारे परिवार के
झूठ, छल और बेईमानी
दुश्मन हैं सारे घरबार के
अगर मन में छल-कपट
और चोरी-बेईमानी हो तो
छवि धूमिल हो जाती है नेत की
चेत नारी चेत
अब नहीं चेतेगी
तो कब चेतेगी
अब भी नहीं चेती तो
प्रलय सुनिश्चित है…..

===========
दिनेश एल० “जैहिंद”
07. 08. 2017

Language: Hindi
247 Views

You may also like these posts

लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
Iamalpu9492
माँ
माँ
Pushpa Tiwari
कर्म फल भावार्थ सहित
कर्म फल भावार्थ सहित
Sudhir srivastava
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
जरूरी हैं रिश्ते
जरूरी हैं रिश्ते
Shutisha Rajput
मेरी माटी मेरा देश 💙
मेरी माटी मेरा देश 💙
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*** चल अकेला.....!!! ***
*** चल अकेला.....!!! ***
VEDANTA PATEL
बनावट ने छुपाया है हर ऐब जहाँ का
बनावट ने छुपाया है हर ऐब जहाँ का
Dr fauzia Naseem shad
आज
आज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
- बिखरते सपने -
- बिखरते सपने -
bharat gehlot
जल का अपव्यय मत करो
जल का अपव्यय मत करो
Kumud Srivastava
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इसी कारण मुझे लंबा
इसी कारण मुझे लंबा
Shivkumar Bilagrami
आया नूतन वर्ष जब, झूम रहे अरकान |
आया नूतन वर्ष जब, झूम रहे अरकान |
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
आर.एस. 'प्रीतम'
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
सुन्दरता
सुन्दरता
Rambali Mishra
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
Rj Anand Prajapati
ये क्या से क्या होती जा रही?
ये क्या से क्या होती जा रही?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
Ravi Prakash
Now awake not to sleep
Now awake not to sleep
Bindesh kumar jha
तपन
तपन
Vivek Pandey
2025 नव प्रभात
2025 नव प्रभात
पूर्वार्थ
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
Khajan Singh Nain
"स्वभाव"
Dr. Kishan tandon kranti
सफर सफर की बात है ।
सफर सफर की बात है ।
Yogendra Chaturwedi
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
धन-संपदा थोड़ा कम भी हो,
धन-संपदा थोड़ा कम भी हो,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...