प्रामाणिक जीवन
धुंआ दे-दे कर
सुलगने को
जलना नहीं कहते
रेंग-रेंग कर
सरकने को
चलना नहीं कहते
म्याऊं-म्याऊं
करने को
बोलना नहीं कहते
और करवटें
बदलने को
सोना नहीं कहते।
तुम्हारे व्यक्तित्व में
एक दृढ़ता
होनी चाहिए
तुम्हारे विचारों में
एक प्रमाणिकता
होनी चाहिए
तुम्हारे क्रियाकलापों में
एक सहजता
होनी चाहिए
और तुम्हारे जीने में
एक त्वरा
होनी चाहिए!