प्रभु से प्रार्थना
कर दी बड़ी बर्बादी,देश हुआ बड़ा बेहाल।
कोरोना के जाल से प्रभु हमको निकाल।।
चुनाव की रैलियां रोज है होती,
भीड़ बिन मास्क इकठ्ठा है होती।
नेता सभी सत्ता के लालची हो गए,
कोरोना नियम सब बेकार हो गए।
चलते है सब नेता अपनी ही चाल,
नेताओ के जाल से प्रभु हमे निकाल।
कोरोना के श्राप से प्रभु हमे निकाल।।
नेता सभी सत्ता के हो गए हैं गुलाम,
भ्रष्टाचार का हाथ लिए इन्होंने थाम।
वादा जो करते कभी पूरा नहीं करते,
चुनाव के बाद कभी मुड़ा नही करते।
भोली जनता को इन्होंने कर दिया है कंगाल।
प्रभु अब इन नेताओ के जाल से हमे निकाल।।
पहले तो नेताओ ने लॉक डाउन है लगाया,
फिर लाखों लोगों को भी पैदल है चलाया।
कितने दुकानदारों के बंद हो गए है धंधे,
निकले अपने घरों से पड़े थे उन्हें डंडे।
फिर भी नही सुधरा हमारे देश का हाल।
प्रभु अब इन आफतो से हमको निकाल।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम