Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2021 · 1 min read

प्रभु से कर ले प्रीत

१.

प्रभु से कर ले प्रीत , प्रभु को कर ले मीत I
प्रभु ही पार करेंगे नैया, ये है उत्तम रीत II

२.

कर भला तो हो भला , क्यूं कर सोचे कोई I
भला करके तू भूल जा, उत्तम गति होई II

3.

कासे दिल की पीर कहूँ , कोई न साँचो मीत I
जो प्रभु चित धारयो , उनसो न कोई मीत II

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
डूबता सुरज हूँ मैं
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
पंकज परिंदा
बात बिगड़ी थी मगर बात संभल सकती थी
बात बिगड़ी थी मगर बात संभल सकती थी
Shivkumar Bilagrami
मोक्ष पाने के लिए नौकरी जरुरी
मोक्ष पाने के लिए नौकरी जरुरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
डॉक्टर रागिनी
चाय की प्याली!
चाय की प्याली!
कविता झा ‘गीत’
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
किस क़दर बेकार है
किस क़दर बेकार है
हिमांशु Kulshrestha
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
गौ माता...!!
गौ माता...!!
Ravi Betulwala
जन्मदिन
जन्मदिन
Sanjay ' शून्य'
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
Ranjeet kumar patre
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
स्त्री
स्त्री
Shweta Soni
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
ओसमणी साहू 'ओश'
साहित्य की उपादेयता
साहित्य की उपादेयता
Dr. Kishan tandon kranti
***आकाश नीला है***
***आकाश नीला है***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
sextual education सही ज्ञान बहुत जरूरी है इस आधुनिक युग में
sextual education सही ज्ञान बहुत जरूरी है इस आधुनिक युग में
पूर्वार्थ
🙅इस बार भी🙅
🙅इस बार भी🙅
*प्रणय*
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
Neelam Sharma
मेरी पुरानी कविता
मेरी पुरानी कविता
Surinder blackpen
Loading...