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20 Jul 2022 · 1 min read

*प्रभु सारे बिसराओ (गीत)*

प्रभु सारे बिसराओ (गीत)
_________________________
सौ-सौ दोष हमारे भीतर, प्रभु सारे बिसराओ
(1)
हम मिट्टी की अनगढ़ मूरत, कहॉं तुम्हारे काबिल
हमको ज्ञात न पूजा-विधियॉं, पास हमारे बस दिल
जनम-जनम से हम मैले हैं, पर हम को अपनाओ
(2)
हमें पता क्या कैसे तुमको, भोजन मधुर खिलाते
हमें पता क्या मंत्र कौन से, स्वागत में हैं गाते
टूटी-फूटी जिस भाषा में, तुम्हें बुलाऍं आओ
(3)
हमें दरस की भीख अभय दो,अंतिम क्षण जब आए
हमको क्या मालूम तुम्हारा, नाम जीभ ले पाए
भटक रहे हैं हम जन्मों से, गोदी में बैठाओ
सौ-सौ दोष हमारे भीतर, प्रभु सारे बिसराओ
______________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 247 Views
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