&&& प्रभु तेरी लीला देखि &&&
ऊपर वाले न मैने कभी तेरी सूरत देखि
न ही वो तेरी सुहानी सी सीरत देखि
बस तेरे रूप के न जाने कितने देखे यहाँ
येही जाना,,की यही तेरी बस मूरत होगी !!
कोई शैतान बन गया , कोई हैवान बन गया
कोई पापी बन गया , कोई महात्मा बन गया
कोई आमिर बन गया, कोई फ़क़ीर बन गया
हम ने तो पल पल दुनिया बदलती ही देखि !!
किसी को दे दिए महल चोबारे, कोई फिरता मारा मारा
कोई धन पाकर भी बेचैन हुआ, कोई धन के लिए लाचार हुआ
किसी को डूबा रही है दुनिया, कोई डूबने को तयार हुआ
हे मालिक, दुनिया की विचित्र तस्वीर देखि !!
रिश्तो की डोर टूटती देखि, किसी का बंधन न टूटा
प्यार कर कर के , फिर भ्रम में कत्ल का रूप देखा
शक की बुनियाद ने , अपनी छाप कुछ ऐसी छोड़ी
की भाई भाई की दुश्मनी हमने संगीन देखि !!
अजीत तलवार
मेरठ