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2 Aug 2022 · 1 min read

प्रभु जी बसते सांस में

*** प्रभु जी बसते सांस में ****
*************************

प्रभु जी आओ तो कभी वास में,
प्रभु जी हम बैठें इसी आस में।

प्यासी अखियाँ हैं डगर देखती,
प्रभु जी तुम हो तो यहीं पास में।

दुनिया खोजी तुम मिले नहीं हो,
प्रभु जी बसते हो सदा सांस में।

तुम बिन लागे ये जगत लापता,
प्रभु जी क्या गलती दिखे दास में।

जन गण मन चाहे दया आप की,
प्रभु जी रखिये तो हमे खास में।

कोई ना दिखता सखा आप सा,
प्रभु जी बिखरे हम इक्के ताश में।

मनसीरत हारा विश्व ढूंढता,
प्रभु जी हो वासक दिखो यास में।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
173 Views
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