प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे,प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे
शेष शारदा कवि कोविद गण, वर्णित वर्णित हारे।। प्रभु …
देव दनुज नर नाग और किन्नर ,यक्ष ऋषि मुनि सारे
वेद शास्त्र उपनिषद ग्रंथ सब,पाए न पार तिहारे
प्रभु जी पाए न पार तिहारे
जान न पाए महिमा तेरी,नेति नेति वचन उचारे।। प्रभु
पापी से पापी जन तारे,आरत के काज संवारे
जब जब भीर पड़ी भक्तों पर,अंशन सहित पधारे
प्रभु जी अंशन सहित पधारे
राक्षस मुक्त किया धरती को, रावण कंस बध डारे।प़भु
ज्ञान नहीं पूजन वंदन का,हम बिषयन के मारे
लोभ मोह और काम क़ोध के, नयनन से अंधियारे
प्रभु जी नयनन के अंधियारे
हमको भी प़भु पार लगाना,हम हैं नाम सहारे
प्रभु जी हम हैं नाम सहारे
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे, प़भु गुण कहे न जाएं तुम्हारे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी