Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2024 · 1 min read

प्रभु की माया

प्रभु की माया
कुंडलिया
सूखा के कारण कहीं , नष्ट हो रहा धान
कहीं बाढ़ की आपदा , हर लेती है प्रान
हर लेती है प्रान , राम की कैसी माया
कहीं अपरिमित धूप , कहीं छाया ही छाया
घी पीते कुछ लोग , वही मरते कुछ भूखा
कहीं सताती बाढ़, कहीं दुख देता सूखा
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक -16-11-2024

34 Views

You may also like these posts

श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
समन्वय
समन्वय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहुत प्यारी है प्रकृति
बहुत प्यारी है प्रकृति
जगदीश लववंशी
4501.*पूर्णिका*
4501.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
डॉ. दीपक बवेजा
भोर
भोर
Deepesh purohit
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
भरत कुमार सोलंकी
लेख
लेख
Praveen Sain
*ऐसी हो दिवाली*
*ऐसी हो दिवाली*
Dushyant Kumar
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
आज के इस स्वार्थी युग में...
आज के इस स्वार्थी युग में...
Ajit Kumar "Karn"
तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
Vaishaligoel
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं
डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं
Rambali Mishra
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
दुनिया में कहे खातिर बहुते इयार
दुनिया में कहे खातिर बहुते इयार
आकाश महेशपुरी
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
जै मातादी
जै मातादी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
shabina. Naaz
उठो नारियो जागो तुम...
उठो नारियो जागो तुम...
Sunil Suman
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
6. धारा
6. धारा
Lalni Bhardwaj
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
चाहत अभी बाकी हैं
चाहत अभी बाकी हैं
Surinder blackpen
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय*
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
vivek saxena
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
भूलभूलैया
भूलभूलैया
Padmaja Raghav Science
Loading...