प्रभु की माया
प्रभु की माया
कुंडलिया
सूखा के कारण कहीं , नष्ट हो रहा धान
कहीं बाढ़ की आपदा , हर लेती है प्रान
हर लेती है प्रान , राम की कैसी माया
कहीं अपरिमित धूप , कहीं छाया ही छाया
घी पीते कुछ लोग , वही मरते कुछ भूखा
कहीं सताती बाढ़, कहीं दुख देता सूखा
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक -16-11-2024