प्रभु का नाम
लिया कर लिया कर तू नाम उस प्रभु का लिया कर,
तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर।
एक उस प्रभु का नाम साचा इस जगत म्ह,
कष्ट ना आवण दे वो आपणै साचे भगत म्ह,
पिया कर पिया कर तू उसके नाम की घुटी पिया कर।
तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर।
सवेरे साँझ उस प्रभु का तू नाम रोज टेरा कर,
दोनों बखतां प्रभु के नाम की माला फेरा कर,
किया कर किया कर उस प्रभु का गुणगान किया कर।
तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर।
जिसनै बी रटा नाम प्रभु का वो पार उतरग्या,
मोक्ष मिला उसणै वो सीधा बैंकुठ डिगरग्या,
जिया कर जिया कर प्रभु की मस्ती म्ह जिया कर।
तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर।
गुरु रणबीर सिंह दिन रात प्रभु के गुण गावै,
सुलक्षणा बी आठों पहर उस प्रभु नै ध्यावै,
हिया कर हिया कर प्रभु नै रट तू पवित्र हिया कर।
तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत