Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2024 · 1 min read

*प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं (मुक्तक )*

प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं (मुक्तक )
—————————————-
प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं
लगे लाइन में अनुशासन, परम संयम दिखाते हैं
हृदय में चाह है जिनकी, झलक प्रभु एक दिख जाए
दिखाकर रूप अपना तृप्त, प्रभु उनको कराते हैं
———————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

1 Like · 170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

आओ हम सब प्रेम से, बोलें जय श्रीराम
आओ हम सब प्रेम से, बोलें जय श्रीराम
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
करो नारी खुद पर विश्वास
करो नारी खुद पर विश्वास
लक्ष्मी सिंह
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
निःशब्दिता की नदी
निःशब्दिता की नदी
Manisha Manjari
दिवस पुराने भेजो...
दिवस पुराने भेजो...
Vivek Pandey
2533.पूर्णिका
2533.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
जीवन का सत्य
जीवन का सत्य
Ruchi Sharma
अगर प्यार  की राह  पर हम चलेंगे
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
Dr Archana Gupta
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
दीपक झा रुद्रा
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*****देव प्रबोधिनी*****
*****देव प्रबोधिनी*****
Kavita Chouhan
- मंजिल को पाना -
- मंजिल को पाना -
bharat gehlot
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक ख्याल हो तुम
एक ख्याल हो तुम
Chitra Bisht
चिंगारी के गर्भ में,
चिंगारी के गर्भ में,
sushil sarna
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
singh kunwar sarvendra vikram
"उस गाँव में"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
VINOD CHAUHAN
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
Kanchan Alok Malu
🙅आज का विज्ञापन🙅
🙅आज का विज्ञापन🙅
*प्रणय*
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
साक्षात्कार
साक्षात्कार
Rambali Mishra
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
वो दौड़ा आया है
वो दौड़ा आया है
Sonam Puneet Dubey
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
महात्मा गांधी– नज़्म।
महात्मा गांधी– नज़्म।
Abhishek Soni
लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
Ajit Kumar "Karn"
पर्दा खोल रहा है
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
Loading...