Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2023 · 1 min read

*प्रबल सबसे बड़ा जीवन में, सब का भाग्य होता है 【 मुक्तक 】*

प्रबल सबसे बड़ा जीवन में, सब का भाग्य होता है 【 मुक्तक 】
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
कभी मिलता है अवसर तो, कभी मिलकर भी खोता है
सफलता और असफलता से, मन हँसता है-रोता है
परिश्रम का अगर पूछो तो, ऊँचा मूल्य है लेकिन
प्रबल सबसे बड़ा जीवन में, सब का भाग्य होता है
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!
Ajit Kumar "Karn"
"मियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
भले दिनों की बात
भले दिनों की बात
Sahil Ahmad
मुझे आने तो दो
मुझे आने तो दो
Satish Srijan
राम कृष्ण हरि
राम कृष्ण हरि
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
Shweta Soni
3133.*पूर्णिका*
3133.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
यदि आपका आज
यदि आपका आज
Sonam Puneet Dubey
*रावण का दुख 【कुंडलिया】*
*रावण का दुख 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आग और धुआं
आग और धुआं
Ritu Asooja
बिताया कीजिए कुछ वक्त
बिताया कीजिए कुछ वक्त
पूर्वार्थ
कर (टैक्स) की अभिलाषा
कर (टैक्स) की अभिलाषा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
" मुरादें पूरी "
DrLakshman Jha Parimal
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
Chaahat
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
बुंदेली चौकड़िया
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
তারিখ
তারিখ
Otteri Selvakumar
एक जहाँ हम हैं
एक जहाँ हम हैं
Dr fauzia Naseem shad
#मानवता का गिरता स्तर
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
Surinder blackpen
Loading...