Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2023 · 9 min read

*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 2 फरवरी 2022*

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 2 फरवरी 2022
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
11:00 बजे प्रधानमंत्री जी का देशभर के भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम _आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को लेकर संबोधन का आयोजन था । रामपुर में उत्सव पैलेस ,रामलीला मैदान के वृहद सभागार में कुर्सियां डाल कर लगभग 500 कार्यकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था थी।
————————————
श्री संजय भाटिया से मुलाकात
————————————-
10 – 10:15 बजे सभा – स्थल पर मैं ,वरिष्ठ भाजपा नेता श्री सतीश चंद्र गुप्ता जी तथा अध्यापक श्री तुषार शर्मा जी उपस्थित थे। शायद एक-दो लोग और रहे होंगे । कुछ ही देर में संख्या बढ़ने लगी । एक सज्जन मेरे निकट आकर बैठे । प्रभावशाली व्यक्तित्व था । कार्यक्रम के संयोजक श्री राजीव मांगलिक ने उन्हें मेरा परिचय इस रूप में कराया कि इनके पिता जी रामपुर में जनसंघ के संस्थापक थे तथा यह उस परंपरा के अनुसार आज भी भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं । प्रथम पंक्ति में क्योंकि मैं तथा वह अपरिचित सज्जन पास-पास बैठे थे अतः आत्मीयता स्थापित होने लगी । मैंने उन्हें कुछ घंटे पहले फेसबुक पर डाला गया पिताजी का युवावस्था का जनसंघ आंदोलन का एक चित्र दिखाया । वह उससे प्रभावित हुए। तत्काल बाद मैंने उन्हें 9 फरवरी को आकाशवाणी रामपुर से प्रसारित होने वाली अपनी आगामी वार्ता रामपुर के गुमनाम क्रांतिकारी की सूचना जो कि फेसबुक पर आकर्षक शब्दों में मेरे द्वारा दी जा चुकी थी ,उसका छायाचित्र मोबाइल पर दिखाया। उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसका अभिप्राय “बहुत सुंदर” बैठ रहा था । तदुपरांत मैंने अपनी जेब से छोटा-सा कागज निकाला । उस पर अपने हाथ से “_श्री_” लिखकर उनसे पूछा कि आपका शुभ नाम क्या है ? उत्तर देने के स्थान पर उन्होंने मेरा कागज और पेन हाथ में लेकर अंग्रेजी में अपना नाम संजय भाटिया लिखा तथा नाम के नीचे मोबाइल नंबर अंकित कर दिया । यह तो मुझे कुछ समय बाद पता चला कि मेरे निकट बैठे हुए यह सज्जन कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे अपितु पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी तथा करनाल (हरियाणा) से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रसिद्ध नेता श्री संजय भाटिया थे।
श्री नरेंद्र मोदी के भाषण के उपरांत आपका अत्यंत ओजस्वी भाषण जनता के मध्य हुआ । आपने लोगों को अपनी प्रभावशाली भाषा-शैली से मोह लिया । राष्ट्र के पुरातन इतिहास का स्मरण करते हुए भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद ,सुभाष चंद्र बोस आदि महान क्रांतिकारियों का स्मरण किया । आपने कहा कि अगर चाहते तो भगत सिंह अपनी जिंदगी बचा सकते थे लेकिन उन्होंने फांसी के तख्ते पर चढ़ना इसलिए मंजूर किया क्योंकि वह एक भगत सिंह की मौत के बाद हजारों भगत सिंह इस देश में पैदा करना चाहते थे । भारत की मिट्टी त्याग की भावना से भरी हुई है किंतु आजादी के बाद इसी देश की तस्वीर हाथ में कटोरा लिए हुए किसी भिखमंगे व्यक्तित्व की भांति बना दी गई । यह तो श्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद राष्ट्र का स्वाभिमानी स्वरूप निर्मित हुआ और राष्ट्रवाद का भाव देश में योगी जी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद प्रदेश भर में बहुत तेजी से फैला ।
हमारे पतन का मुख्य कारण क्या है ? इसका विश्लेषण करते हुए श्री संजय भाटिया ने प्रबुद्ध श्रोताओं को अवगत कराया कि अतीत में बाबर मात्र 12 हजार सैनिकों को लेकर हिंदुस्तान पर हमला करने आया था जबकि इससे ज्यादा सेना तो देश के सैकड़ों रियासतों के राजाओं और नवाबों के पास हुआ करती थी । फिर हम क्यों हार गए ? -प्रश्न करते हुए इसका उत्तर आपने दिया कि हम मिलकर नहीं लड़े। हमारे भीतर एकता की कमी थी । हम विभिन्न कारणों से बँटते चले गए और हमारे ऊपर मुट्ठी भर लोगों ने शासन किया ।
आज राष्ट्र की गौरवमई छवि सारे विश्व में आश्चर्य के साथ निहारी जा रही है । अपना व्यक्तिगत संस्मरण सुनाते हुए श्री संजय भाटिया ने बताया कि उनकी बुआ की पोती अमेरिका में रहती हैं । पिछले दिनों भारत आई थीं। उनसे मुलाकात हुई ,तब कहने लगीं कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि भारत में 100 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है । सर्वाधिक आश्चर्यजनक बात यह भी है कि यह टीका बिल्कुल मुफ्त में लग रहा है । इसकी कल्पना नहीं की जा सकती । जबकि अमेरिका में यह 3500 रुपए मूल्य देने के बाद टीका लग रहा है । भारत का यह उच्च प्रदर्शन अद्भुत और आश्चर्यजनक है । श्री संजय भाटिया ने जनता को बताया कि मोदी जी के कार्यकाल में कोरोना की वैक्सीन दुनिया में सबसे पहले भारत में बनी और केवल एक टीका नहीं बना बल्कि दो-दो टीके बने । कोविशील्ड और कोवैक्सीन । जबकि शुरुआत के 70 वर्षों तक भारत में किसी भी महामारी के टीके विदेश से आते आते दसियों साल लग जाते थे ।
आज उत्तर प्रदेश सुरक्षित हाथों में है । मैंने अपनी आंखों से देखा है कि नहर के किनारे सुबह 5:30 बजे जब हल्का अंधेरा रहता है ,उस समय भी बेटियां दौड़ते हुए अभ्यास करती हैं तथा उन्हें कोई भय नहीं लगता ।
यह चुनाव छोटे-मोटे चुनाव नहीं हैं। इन चुनावों का असर आने वाली संतानों के भविष्य पर पड़ेगा । अगर योगी जी जीतते हैं तो सुरक्षा का राज्य होगा और अगर हार जाते हैं तो गुंडों का राज आ जाएगा। बहुत से लोग मतदान की तिथि के महत्व को नहीं समझते तथा घूमने-फिरने के लिए इस छुट्टी का दुरुपयोग कर लेते हैं । किंतु वह भूल जाते हैं कि अगर गुंडाराज कायम हो गया तो उनका पैसा धरा का धरा रह जाएगा । अंत में श्री संजय भाटिया ने जनता का आह्वान किया कि आप चुनने वाले एमएलए को यह देखकर चुनें कि क्या विधानसभा में पहुंचकर यह व्यक्ति योगी जी की सरकार बनाने के लिए अपना वोट देगा अथवा नहीं देगा ? इसके अतिरिक्त और कोई मापदंड की उलझन में आप न पड़ें। जनता की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ श्री संजय भाटिया ने अपना संबोधन समाप्त किया ।
—————————————
श्री आकाश सक्सेना का भाषण
—————————————–
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा प्रत्याशी श्री आकाश सक्सेना ने बहुत शांत और संयत हाव-भाव के साथ अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि हमें एक-एक व्यक्ति के वोट को मतदान-स्थल तक पहुंचाना है ।अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना है और अगर हम केवल अपने समर्थक मतदाताओं तक ही पहुंच जाते हैं और उनका मतदान सुनिश्चित कर देते हैं तब हमारी जीत को कोई रोकने वाला नहीं है । भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सबके साथ समान व्यवहार करते हुए उनके विकास के रास्ते खोले हैं । हिंदू और मुसलमान का कोई भेदभाव भाजपा सरकार में योजनाओं के लाभ प्रदान करने की दृष्टि से कभी नहीं हुआ ,अगर इस बात को सब लोगों तक हम पहुंचा सकें तो सब प्रकार के मतदाताओं का बड़ा वर्ग हमारा समर्थन करेगा । सभा स्थल पर श्री आकाश सक्सेना की बहुत शांत भाव से व्यक्त की गई बातें गहरा असर डाल गई ं।
—————————————-
श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन
—————————————
श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन ठीक 11:00 बजे आरंभ हुआ सर्वप्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा ने मोदी जी को भाषण के लिए आमंत्रित किया । “नमस्कार ! देशभर में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का बहुत-बहुत अभिवादन”- इन शब्दों के साथ मोदी जी के संबोधन का आरंभ हुआ । अपनी चिर-परिचित उतार-चढ़ाव से भरी हुई भाषण शैली में मोदी जी कार्यकर्ताओं के हृदयों को स्पर्श करते हैं । वह कहते हैं कि हम 100 साल की सबसे बड़ी महामारी से हाल ही में गुजर रहे हैं । सारी दुनिया के सामने चुनौतियां पैदा हुई हैं और अब स्थिति यह है कि एक विश्व कोरोना से पहले का था और दूसरा विश्व कोरोना के बाद का है । कोरोना इतिहास का एक टर्निंग प्वाइंट बन गया है । आज सारी दुनिया भारत को मजबूती से देखना चाहती है । यह नए अवसरों, नए संकल्पों की सिद्धि का समय है । आज हमें आत्मनिर्भर भारत की नींव पर आधुनिक भारत का निर्माण करना है । आधुनिकता की ओर ले जाने वाले कदम बढ़ाने हैं । पिछले 7 वर्ष में हमने अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार किया है। मूलभूत संरचनाओं में मजबूती लाए हैं। इसका लाभ अंततोगत्वा गरीब और मध्यम वर्ग को मिलता है ।
हमने जल की समस्या को गहराई से और गंभीरता से लिया है । नौ करोड़ ग्रामीण घरों में नल से पानी की सप्लाई का काम किया गया है । अभी चार करोड़ और कनेक्शन ग्रामीण घरों में दिए जाएंगे । इन पर 60 हजार करोड़ रूपया खर्च होगा।
हमने 80 लाख पक्के घर बनाने का निर्णय लिया है । इन पर 48 हजार करोड रुपए खर्च होंगे । यह है गरीबी से मुक्ति का संग्राम । अतीत का स्मरण करते हुए मोदी जी कहते हैं कि जब मैं छोटा था तो लखपति शब्द बहुत बड़ा लगता था लेकिन आज जब हम तीन करोड़ गरीबों को उनका अपना पक्का घर बना कर दे रहे हैं तो एक प्रकार से वह सब लखपति बन रहे हैं । यह एक बड़ा कार्य है । हमने घरों की धनराशि और उनका आकार भी बढ़ाया है ताकि वह पहले से अधिक उपयोगी हों। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को घर की मालकिन बनाया गया है ।
हम संतुलित विकास के आकांक्षी हैं। मोदी जी बताते हैं कि कोई भी क्षेत्र अविकसित नहीं रहना चाहिए । सीमावर्ती गांवों के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। यह जहां एक ओर सेना को मजबूती प्रदान करेगा ,वहीं विकास की यात्रा को तेज करेगा । वहां के क्षेत्रों से पलायन भी रुकेगा। बिजली ,पानी ,सड़क -इन क्षेत्रों का काया पलट देगा । टूरिस्ट स्पॉट के रूप में यह विकसित हो सकेंगे और प्रकृति प्रेमी यहां भ्रमण के लिए जाना पसंद करेंगे । इन्हीं सीमावर्ती गांव में हम एन.सी.सी. का केंद्र भी खोलेंगे ताकि भविष्य में सेना को स्वेच्छा के आधार पर समर्पित नवयुवक मिल सकें।
एक पर्वतमाला परियोजना हिमालय क्षेत्र में हमने शुरू की है । यह आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाएगा तथा इससे पर्यटन ,तीर्थाटन आदि को भी मजबूती मिलेगी ।
आधुनिक कृषि समय की मांग है । मोदी जी ने बताया कि किसान ड्रोन की हमने परिकल्पना की है । इसके द्वारा खेती में नए कार्य समाविष्ट किए जाएंगे ।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा । केमिकल-फ्री खेती जब आगे बढ़ेगी तो धरती माता की उपजाऊ शक्ति बर्बाद नहीं होने पाएगी । लागत घटेगी, साथ ही साथ जनता को अनेक बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी ।
किसानों की उपज की एमएसपी की रिकॉर्ड खरीद सरकार द्वारा की गई है। डिजिटल यूनिवर्सिटी की परिकल्पना जिसमें विभिन्न कोर्स होंगे ,मोदी जी ने प्रस्तुत की।
5 जी के माध्यम से न सिर्फ सस्ता और तेज इंटरनेट मिलेगा बल्कि रिमोट-सर्जरी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी काम होगा।
डिजिटल करेंसी का एक नया विचार देश के सामने हमने रखा है । डिजिटल करेंसी को भौतिक करेंसी में भी बदला जा सकेगा।
प्राकृतिक खेती का कॉरिडोर एक अद्भुत विचार है जो मोदी जी कार्यकर्ताओं के सामने रखते हैं। गंगा नदी के किनारे ढाई हजार किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर बनाया जाएगा । नदी के तट के दोनों ओर पाँच – पाँच किलोमीटर चौड़ी यह योजना केमिकल-रहित खेती पर आधारित होगी। इसका एक लाभ यह भी रहेगा कि इससे गंगा स्वच्छता अभियान में मदद मिलेगी क्योंकि विषैले रासायनिक पदार्थ गंगा में प्रविष्ट होने से रुक जाएंगे । जय जवान और जय किसान का मंत्र मोदी जी स्मरण करते हैं ।
वह कहते हैं कि खाद्य तेलों के आयात में हम कमी ला रहे हैं । खेतों में सोलर पैनल लगेंगे । सोलर पंप के द्वारा अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनाने का कार्य किया जाएगा। एक जमाना था जब नदी के पास गांव बसते थे और विकास के केंद्र बनते थे लेकिन आज इसकी जगह अच्छी सड़कों तथा इंटरनेट आदि की सुविधाओं से युक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर ने ले ली है । हम उस पर भरपूर जोर दे रहे हैं ।
देश के नागरिकों पर हमारा भरोसा है । अब इनकम टैक्स का रिटर्न 2 साल के भीतर संशोधित किया जा सकता है ,पहले यह अवधि केवल 1 वर्ष थी । कंपनियों को बंद करना पहले कठिन था, अब हम उसे आसान कर रहे हैं । यह बात बहुत आश्चर्यजनक लगती है कि क्या कंपनी को बंद करना भी मुश्किल हो सकता था ? हम पुराने गैर-जरूरी कानूनों को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं । पच्चीस हजार से ज्यादा ऐसी गैर जरूरी कार्यवाहियाँ हैं, जिनसे नागरिकों को परेशानियां होती थीं। हमने उन्हें समाप्त किया है ।
एक घंटे से कुछ अधिक का भाषण श्री नरेंद्र मोदी का रहा । एक मिनट के लिए भी उनके चेहरे पर थकान नहीं थी । युवकों के समान वह उत्साह से भरे हुए थे । स्क्रीन पर बीच-बीच में देश के विभिन्न क्षेत्रों से जो लोग मोदी जी का भाषण सुन रहे थे ,उनकी तस्वीरें दिखाई जा रही थीं। कार्यक्रम से पहले उत्सव पैलेस रामपुर में स्क्रीन पर कुछ गायकों के सुंदर गीतों को मधुर संगीतमयता के साथ स्क्रीन पर प्रस्तुत किया गया । मोदी जी के भाषण के उपरांत श्री आकाश सक्सेना का भाषण और तदुपरांत श्री संजय भाटिया जी का भाषण हुआ । समस्त कार्यकर्ता गले में भाजपा का दुपट्टा पहने हुए थे तथा चेहरे पर मास्क लगा रखा था । एक मेले जैसा दृश्य था । भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में चल रहे इस अभूतपूर्व उत्साह को नमन ।
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
लेखक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
213 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

तकिया
तकिया
Sonu sugandh
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि,
नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि,
Harminder Kaur
दोस्ती में दूरी
दोस्ती में दूरी
Manisha Bhardwaj
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
यक्षिणी-10
यक्षिणी-10
Dr MusafiR BaithA
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
Aarti sirsat
गीत- समय की धूप सर्दी-सी...
गीत- समय की धूप सर्दी-सी...
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
Neelofar Khan
4441.*पूर्णिका*
4441.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
gurudeenverma198
मैं शामिल तुझमें ना सही
मैं शामिल तुझमें ना सही
Madhuyanka Raj
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
Dr fauzia Naseem shad
ईश्क में यार ये जुदाई है
ईश्क में यार ये जुदाई है
सुशील भारती
* कुछ सीख*
* कुछ सीख*
Vaishaligoel
नियोजित शिक्षक का भविष्य
नियोजित शिक्षक का भविष्य
साहिल
हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
टूटना कभी भी मत
टूटना कभी भी मत
ललकार भारद्वाज
विश्वास की नाप
विश्वास की नाप
डॉ.सतगुरु प्रेमी
त
*प्रणय*
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अंजाम...
अंजाम...
TAMANNA BILASPURI
तुम्हें करीब आने के लिए मेरे,
तुम्हें करीब आने के लिए मेरे,
Ravi Betulwala
जीवन  में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
हमसफर की आहट
हमसफर की आहट
Shutisha Rajput
ज़िम्मेवारी
ज़िम्मेवारी
Shashi Mahajan
दर्द ....
दर्द ....
sushil sarna
Loading...