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25 Oct 2024 · 1 min read

प्रदूषण

मलवा सामुद्रिक भरा, दूषित जल संसार.
जीव जंतु मरने लगे, करते हाहाकार.
करते हाहाकार, लुप्त होते कुछ प्राणी.
संरक्षित हो जीव, समय की दुर्लभ वाणी.
कहें प्रेम कविराय, कभी मत चाटे तलवा.
नीति बनें अविराम, हटे सागर का मलवा.

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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