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18 May 2023 · 1 min read

“प्रतीक्षा”

प्रेम,परवाह, प्रतीक्षा
यही मेरी पूँजी है
मैं वही,
तुम पर खर्च कर देती हूँ।
फिर न प्रेम बचता है,न परवाह
बचती है,
तो सिर्फ़ ‘प्रतीक्षा’

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