प्रतियोगिता
कर रही आराधना माता मुझे वरदान दो हो सफल ये साधना शब्दों मे मेरे जान दो..
पद्मासन में सजी मूरत मै तेरी निहार लू, देखकर तेरे नयन माता में खुद को तार लूं
तुम मुझे माता सदा अच्छे बुरे का भान दो
हो सफल अब साधना शब्दों में मेरी जान दो
दो कलम में धार जिससे मैं बुराई काट दूं जो दरारे हो दिलों में लिखनी से पाट दू।
मैं चलूं सन्मार्ग में माता मुझे वो ज्ञान दो
हो सफल अब साधना शब्दों में मेरी जान दो
मैं तुम्हारी वंदना गाती रहूं सद्भाभाव से पार कष्टों को करूं मैं प्रेम की इस नाव से
मै यही मागू मुझे चरणों में अपने स्थान दो ….हो सफल ये साधना
कर रही आराधना माता मुझे वरदान दो
मनीषा जोशी मनी