प्रतियोगिता के लिए ,जब तलक है चांद तारे
गीत
जब तलक हैं चाँद तारें उस गगन में .
तब तलक मन में जले दीपक तुम्हारे..
है कठिन ये दौर जिसमें रश्मियाँ भी.
इस तमस से हार कर बैठी किनारे.
ये घड़ी भी काट लेंगे मिल के हम सब.
ये समय भी न रहेगा बीच धारे..
जब तलक है चाँद तारें इस गगन में.
तब तलक ….
भर तो जायेंगे समय के लेप से ये..
फिर भी गहरे घाँव है ये संग रहेंगे.
किन्तु जीवन इस तरह ही चल रहा है.
देखते है हम भी कितना संग चलेंगे..
इस धरा पे वक़्त पूरा हो गया तो.
हम दिखेंगे नभ में बन के प्रिय तारें.
जब तलक है चाँद तारें उस गगन में
तब तलक मन मे जले दीपक तुम्हारे………
धौर्य से अब काटना नाजुक़ पलों को.
नेह से है बाँधना इन साँकलों को..
बंद द्वारों में भले बैठे हो हम सब.
साधना मन से तुम ये हलचलों को.
है कठिन माना समय की चाल इसमें
हौसलों से पार करने है किनारे..
जब तलक है चाद तारे इस ज़मी पर .
तब तलक मन में जले दीपक तुम्हारे..
मनीषा जोशी मनी