प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !
प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !
“””””””””””””””””””””””””””””””””
जिसने दिखाई हो करतब ,
लगा दी हो अपनी जान !
जो भी हों शब्दों से विद्वान !
शब्दों को अलंकृत करके ,
जिसने डाल दिया हो….
नीरस शब्दों में भी प्राण !
उसे ही मिलना चाहिए ,
इस कठिन प्रतियोगिता का
सर्वोत्कृष्ट प्रथम स्थान !!
आज तो अंतिम दिन है !
चंद घंटे बचे हैं अंगुली पे ,
जिन साहित्य प्रेमियों के पास,
पास, पड़ोस, प्रकृति से
संचित किए गये दृश्यों ,
मन में उठ रहीं कल्पित
सुंदर, खूबसूरत सी उमरती,
भावनाओं को परिष्कृत कर
अपने सुंदर सुंदर अल्फ़ाजों में
सजाने की असीम शक्ति हो….
सदा रखे जो किसी विषय के
कथानक पर संकेंद्रित ध्यान !
जो अपने तूफानी शब्दों से….
ठहरे हुए वक्त में भी ला दे तूफान !
जिसने सफलतापूर्वक दिया हो,
अपने कार्यों को सदा ही अंजाम !
जिस सर्वमान्य छवि के ऊपर ,
जिनके उमरते शब्दों को पढ़कर….
हर कोई ही करे उसका गुणगान !
उस शख़्स को ही मिलना चाहिए ,
इस प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !!
जिसने शब्द,शब्द अपने गढ़कर….
मनगढ़ंत कहानियों में डूबकर….
पर्वत, पठार, वन, नदी, झरने,
झील, तालाब, सागर, महासागर,
उपवन, उद्यान, बाग, बगीचे में जाकर….
वहाॅं फूलों पे मंडरा रहे भंवरे को भगाकर….
झूमते फूल पत्तियों की कोमलता पे ,
और इन खूबसूरत सी वादियों में डूबकर,
उठती समंदर की लहरों से ठोकरें खाकर,
बर्फीली हवाओं से अठखेलियाॅं खेलकर,
हरेक जगह की मौसम का आनंद उठाकर ,
हर खूबसूरत दृश्यों से अनेक भाव चुराकर ,
अपने शब्दों से करता हो इन सबको प्रणाम !
लेखनी के दम पर मचाता हो जो घमासान !
हर कार्य अपने उथल-पुथल कर समर्पित भाव से ,
जिसने उत्कृष्ट रचनाएं लिखी हों सुबहो-शाम !
अमीरी, गरीबी, ऊॅंच-नीच का भेदभाव हटाकर ,
हर वर्ग के लोगों का समानता से जो करे उत्थान !
उसे ही मिलना चाहिए प्रतियोगिता का प्रथम स्थान !!
_ स्वरचित एवं मौलिक ।
© अजित कुमार कर्ण ।
__ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : १५/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????