प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवारों से
प्रतिभाओं को मत काटो , आरक्षण की तलवारों से।
वोट बैंक की जो राजनीति करे,बचो उन सरकारों से।।
करना है भारत का विकास,आरक्षण को बंद करो।
भारत के संविधान में संशोधन करना तुम बंद करो।।
मत बांटो देश को जातियों में,पहले ही ये बट चुका।
करो न भारत को घायल,पहले ही ये घायल हो चुका।।
प्रतिभाशाली बच्चों को,अच्छे अवसर नही मिलते है।
आरक्षण के कारण ही वो, गहरे गढ्ढों में ही दबते है।।
आरक्षण के कारण ही,देश जाति दलों में बंट जायेगा।
अकर्मण्य लोगो के हाथो में ये देश भी चला जायेगा।।
संविधान में आरक्षण केवल दस वर्षो तक था आयोजन।
बढ़ता जा रहा ये आरक्षण,कारण है वोटो का ये प्रभोलन।।
अगर एक वर्ग का आरक्षण दूसरे वर्ग का होगा भक्षण।
अरमानों की ये चिता जलेगी,तब तक रहेगा आरक्षण।।
बन्द करो आरक्षण को,कब तक प्रतिभा को जलाओगे।
जलती रही अगर प्रतिभा,भारत आगे न बढ़ पायेगा।।
जा रही है प्रतिभाएं विदेशो में जिस पर काफी खर्च होता है।
खर्च करता भारत जिस पर,उसका मजा दूसरा कोई लेता है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम