Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2016 · 1 min read

प्रतिघात

लघुकथा
प्रतिघात

*अनिल शूर आज़ाद

दो नन्हे पिल्ले.. सुअर के एक बच्चे से धींगामस्ती करने लगे। इधर से उधर भागते, बेचारा वह निढ़ाल हो गया।
अचानक उसे क्रोध आया। वह रुका और..पूरे आवेग के साथ पिल्लों पर झपट पड़ा।
शीघ्र ही..पिल्ले घबराकर भाग निकले।

Language: Hindi
255 Views

You may also like these posts

सब वर्ताव पर निर्भर है
सब वर्ताव पर निर्भर है
Mahender Singh
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
Phool gufran
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Navratri
Navratri
Sidhartha Mishra
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
रिश्ते बचाएं
रिश्ते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
Jaikrishan Uniyal
बदले मौसम
बदले मौसम
Chitra Bisht
हृद् कामना ....
हृद् कामना ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
खोजें समस्याओं का समाधान
खोजें समस्याओं का समाधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मोहन सी प्रीति
मोहन सी प्रीति
Pratibha Pandey
बहनें
बहनें
Mansi Kadam
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
bharat gehlot
#अंसुवन के मोती
#अंसुवन के मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
Neeraj Agarwal
कहां की बात, कहां चली गई,
कहां की बात, कहां चली गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
"संकेत"
Dr. Kishan tandon kranti
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
क्या कभी तुमने कहा
क्या कभी तुमने कहा
gurudeenverma198
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
पूर्वार्थ
जब कभी मैं मकान से निकला
जब कभी मैं मकान से निकला
सुशील भारती
Loading...