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6 Dec 2022 · 2 min read

“प्रतिक्रिया, समालोचना आ टिप्पणी “

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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प्रतिक्रिया सकारात्मक ,विषय संबंधित ,तथ्यपूर्ण ,रोचक ,सुंदर सब केँ नीक लगैत अछि ! इ गप्प एहिठाम नहि रुकैत अछि ! कखनो -कखनो समालोचना ,टिप्पणी ,निर्देश आ कटाक्ष क प्रतिक्रिया क सामना सोहो करय पड़ैत छैक जे स्वभावतः असहज प्रतीत होइत अछि !
प्रायः -प्रायः इ असहज भंगिमा हमरालोकनि केँ राजनीति विषय क रंगमंच पर सहजता सँ भेटइत अछि ! हमरा लोकनिक विचारधारा अलग -अलग होइत अछि ! एहि परिपेक्ष मे अधिकाशतः कर्कश वातावरण क श्री गणेश भेनाइ बद्द स्वाभाविक अछि ! एहि बतावरण मे मित्रता क भीति चटकऽ लगैत अछि ! हमरा लोकनि तंग भऽ हुनका “ ब्लॉक “ क दैत छियनि अन्यथा “ अनफ्रेंड “ क दैत छियनि !
कहू त भला , सब काज छोड़ि -छाड़ि कहिया धरि इ विवाद मे फसल रहब ? डिजिटल मित्रता क समय मे मित्रता सब तरि पसरल अछि ! आहाँ नहि त कियो आर लाइन मे लागल छथि ! एकटा गप्प अपन गाँइठि बाँहिं लिय —- “ समान विचारधारा ” वाला लोके एक संगे रहि सकैत छथि जे डिजिटल मित्रता क मूल मंत्र थीक !
साहित्यिक परिचर्चा मे सहो समलोचना होइत अछि आ टीका -टिप्पणी सहो कयल जाइत अछि ! परंच इ समलोचना आ टीका -टिप्पणी शालीनता ,शिष्टाचार आ माधुर्यता पर अधिकांशतः समाहित रहैत अछि ! किछु हम बुझब आ किछु वो बुझताह !
बहुत लोक एहनो छथि जे कियो किनको लेखनी केँ पढ़ताह नहि तखन कहू समालोचना करबा क प्रश्न कतय उठइत अछि ? अधिकाशतः लोक देखइत छथि आ पढि केँ अपन मुखाकृति बदलि लैत छथि ! तथापि एहन दिव्य मित्र केँ हृदय मे सम्हारि केँ रखिते छियनि !
किछु एहनो दिव्य ग्रहक प्राणी छथि जे सदैव अद्भुत रहैत छथि ! हुनकर प्रतिक्रिया सहो दिव्य होइत छैनि ! आहाँ राजनीति विषय लिखु ,साहित्यिक लेख ,कविता ,व्यंग्यात्मक आ विश्व क समस्त गप्प केँ किया नहि लिखु मुदा इ दिव्य ग्रहक अद्भुत प्राणी क समालोचना सँ आहाँ अवश्य मर्माहत हेब ! आहाँ किछु लिखु ,किछु करू वा कोनो चित्र पोस्ट करू ,अपन उपलब्धि क शेयर करू आ आहाँ कोनो दुख से पीड़ित छी, तकर दिव्य लोकक लेल कोनो फर्क नहि !
अद्भुत ग्रह क प्राणी लोकनि क कमेन्ट पर ध्यान सँ देखू आ पढू :–
“ जय हो “—-
“जय श्री राम “—
“जय मिथिला “—-
“जय हनुमान “ —
इत्यादि -इत्यादि !
एहन उद्घोष क महत्व धार्मिक अनुष्ठान क लेल अतिउत्तम अछि परंतु एहि सभक प्रयोग इ अद्भुत ग्रह क प्राणी सब जगह करैत छथि ! हिनका कनिकबो ज्ञात नहि छैनि जे के के एहि वाण सँ आहत होइत छथि ?
सब अपन -अपन स्थान पर जे छथि से छथिये , मुदा एहि गप्प केँ कहियो अस्वीकार नहि क सकैत छी जे हम जे अपन प्रतिक्रिया ,समालोचना आ टीका -टिप्पणी सोशल मीडिया पर करैत छी वो यथायोग्य आ सटीक हेबाक चाहि अन्यथा हमरा लोकनि केँ कियो स्वीकार नहि करताह !
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
06.12.2022

Language: Maithili
183 Views
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