प्रणाम : पल्लवी राय जी तथा सीन शीन आलम साहब
चली गईं अनंत की यात्रा पर दो महान आत्माएँ
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मृत्यु की कलुषता पता नहीं कितने कठोर प्रहार करने के लिए कटिबद्ध हो चली है ! आकाशवाणी रामपुर की एनाउंसर श्रीमती पल्लवी रॉय के निधन की सूचना से गहरा धक्का लगा । आपके पति और जेठ सक्सेना बंधुओं से मेरा अच्छा संपर्क था। शोक के अवसर पर उनके प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं ।
#पल्लवी_रॉय_जी बेहद खुशमिजाज महिला थीं। सलीका उनके स्वभाव में बसा हुआ था । मधुर मुस्कान भुलाई नहीं जा सकती । रामपुर नुमाइश में नुमाइश के लोगो( Logo) का पुरस्कार – वितरण समारोह जब संभवतः एक – दो साल पहले चल रहा था ,तब उस समारोह का संचालन पल्लवी रॉय जी ने ही किया था । मैंने उनका संचालन देखा – सुना और मुग्ध हो गया था। शहद – भरी मीठी आवाज भुलाई नहीं जा सकती । अनेक अवसरों पर उनसे नमस्ते भी हुई । व्यक्तित्व प्रभावशाली था तथा अभी उन्हें अनंत ऊंचाइयों को छूना था । किंतु काल की क्रूरता देखिए ! अल्पायु में ही वह अनंत की यात्रा पर चली गईं। मुझे समाचार से बहुत दुख हो रहा है ।
#सीन_शीन_आलम_साहब* रामपुर में विद्वानों की अग्रणी पंक्ति के श्रेष्ठ व्यक्ति थे। उनका निधन बौद्धिक जगत के लिए एक गहरी क्षति है । आकाशवाणी रामपुर को जब 50 वर्ष पूरे हुए ,तब सीन शीन आलम साहब से मेरी दुआ – सलाम शायद पहली बार हुई थी । अत्यंत आत्मीय भाव से सीन शीन आलम साहब मिले थे और वही आत्मीयता रह – रह कर इस समय याद आ रही है । उनकी चार पंक्तियों से उनको याद कर रहा हूँ:-
सब कहीं पीछे छूट – छाट गए
वो जमाने वो ठाट -बाट गए
कौन तोलेगा तुझको फूलों में
वो तराजू गई वो बाट गए
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रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451