प्रणय-बंध
प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर
लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर
सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं
भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं
जली नेह से मन बाती तेरी ख़ातिर
लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर
काॅंपे अधर भी लरजे प्रेम के बोलों से
कह गये लाज से रक्तिम हुए कपोलों से
रात सजाई है साथी तेरी ख़ातिर
लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर
स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ