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23 Oct 2017 · 1 min read

प्रणय की निशानी है प्रणय बनाये रखना(जन्मदिन की शुभकामनाए)

बह्र-मज़ारे मुसम्मन मक्फ़ूफ़ मक्फ़ूफ़ मुखन्नक मक़्सूर
वज़्न – 221 2122 221 2122
ग़ज़ल
अपने करम की या रब नजरें बनायें रखना।
दुनियां की हर बला से इसको बचायें रखना।।

बदली हो कोई गम़ की रुख़ बदले रास्तों के।
इस चांद को फलक पे बस जगमगाये रखना।।

महकाए ये फिजा़ए खुशबू से इस वतन की।
ये फूल है चमन का इसको खिलाये रखना।।

रोशन करेगा जग में ये नाम भी तुम्हारा।
पलकों पे अपनी हरदम इसको बिठाये रखना।।

नाजों से पालना तुम और प्यार भी लुटाना।
प्रणय की निशानी को प्रणय बनाये रखना।।

करना “अनीश” की रब मंजूर तू दुआएँ ।
तू उम्र भर फरिस्ता इसको बनाये रखना।।
@nish shah

चि. प्रणय /प्रशांत राय सांईखेड़ा के जन्मदिन 22/10/2017पर शुभकामनाओ सह भेंट

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